Coronavirus: हाथ मिलाना छोड़िए, नमस्ते करिए और कोरोना से बचिए, कई और भी हैं फायदे

देश में कोरोना वायरस के नए मामले सामने आने के बाद साफ-सफाई और सावधानी बरतने की अपील की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसको लेकर हुई बैठक में कई उपाय सुझाए और उन्होंने अपने सोशल मीडिया एकाउंट से सावधानियां बरतने की अपील भी की है। चिकित्सक बताते हैं कि सबसे ज्यादा संक्रमण हाथों से ही फैलता है, इसलिए हाथ मिलाने की बजाय नमस्ते करने की सलाह दी जा रही है। भारतीय संस्कृति में हाय, हैलो और हैंडशेक यानी हाथ मिलाने की जगह आदिकाल से नमस्ते की ही परंपरा रही है। नमस्ते करने के और भी कई सारे फायदे हैं। 




अक्सर एक-दूसरे से मिलने के बाद लोग अभिनंदन के लिए हाथ मिलाकर हैलो करते हैं, ज्यादा गर्मजोशी दिखाने के लिए कुछ लोग गले भी मिलते हैं। लेकिन कोरोनावायरस के कारण लोग गले मिलना तो दूर, हाथ मिलाने से भी परहेज करने लगे हैं। कारण कि कोरोनावायरस शारीरिक संपर्क से फैलता है। ऐसे में लोग अभिवादन के लिए हाथ मिलाकर हैलो करने की जगह दूर से ही 'नमस्ते' कर रहे हैं।


भारतीय संस्कृति में अभिवादन की सबसे प्रचलित और पुरातन परंपरा है नमस्कार। सामने वाले व्यक्ति के प्रति सम्मान जताने के लिए हजारों वर्षों से इस मुद्रा का प्रचलन है। नमस्ते करके हम अपने इष्ट, माता-पिता, बड़े बुजुर्गों या गुरुजनों को प्रणाम करते हुए आदर व्यक्त करते हैं। किसी व्यक्ति से मिलने और उसे विदा लेते समय दोनों समय आप नमस्कार कर सकते हैं।


नमस्कार करते समय हमारी पीठ आगे की ओर झुकी हुई होनी चाहिए। हथेलियां छाती के मध्य में होनी चाहिए और आपस में जुड़ी हुई होनी चाहिए। हाथों की उंगलियां आकाश की ओर होनी चाहिए। यही मुद्रा नमस्कार कहलाती है। इस मुद्रा के साथ हम नमस्ते, नमस्कार या प्रणाम बोलते हुए हम आदर व्यक्त करते हैं। नमस्कार करने से मन में अच्छा भाव उत्पन्न होता है और काम में सफलता मिलती है। यह आलस्य को भी दूर करती है।



  • नमस्कार मुद्रा का निरंतर अभ्यास करने से मन शांत होता है। 

  • यह मुद्रा शरीर को हल्का सा खुश और कोमल बनाती है। 

  • नमस्ते की मुद्रा ज्यादा नींद आने और सुस्ती संबंधित बीमारियों को दूर करती है। 

  • नमस्कार मुद्रा करने से आंखों के रोग समाप्त हो जाते हैं और नजर तेज होती है।


    योग में नमस्कार की मुद्रा हमारी एकाग्रता बढ़ाती है। हमारे हाथों को आपसे में जोड़ने और दबाने का संबंध हमारे शरीर में आज्ञा चक्र से जुड़ा हुआ है। इस कारण हमारी जागृति बढ़ती है। इस मुद्रा का हम पर भावनात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे सकारात्मकता बढ़ती है। सामाजिक और धार्मिक दृष्टि से भी यह मुद्रा लाभदायक है।